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- 1 Pond man of India: भारत में जल संकट तेजी से गंभीर रूप ले रहा है। बढ़ता शहरीकरण, प्रदूषण और अनियंत्रित औद्योगीकरण देश के परंपरागत जल स्रोतों—झीलों और तालाबों—को तबाह कर रहे हैं। कभी पीने के पानी, सिंचाई और जैव विविधता के स्रोत रहे ये जल निकाय अब गंदगी और उपेक्षा का शिकार हो चुके हैं। लेकिन इस संकट की घड़ी में एक नाम उभरा है—रामवीर तंवर, जिन्हें आज “पॉन्ड मैन ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है।
- 2 2015 से शुरू की तालाबों को पुनर्जीवित करने की मुहिम
- 3 अब तक देश के 80 से अधिक सूखे तालाबों में बहाल किया जीवन
- 4 पीएम मोदी और सीएम योगी भी कर चुके हैं प्रशंसा
- 5 नौकरी छोड़ी, चुना जल संरक्षण का रास्ता
- 6 जल संरक्षण के साथ-साथ बना रहे हैं शहरी वन मॉडल
- 7 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मिली पहचान
- 8 रामवीर तंवर – भारत के जल संकट में आशा की किरण
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Pond man of India: भारत में जल संकट तेजी से गंभीर रूप ले रहा है। बढ़ता शहरीकरण, प्रदूषण और अनियंत्रित औद्योगीकरण देश के परंपरागत जल स्रोतों—झीलों और तालाबों—को तबाह कर रहे हैं। कभी पीने के पानी, सिंचाई और जैव विविधता के स्रोत रहे ये जल निकाय अब गंदगी और उपेक्षा का शिकार हो चुके हैं। लेकिन इस संकट की घड़ी में एक नाम उभरा है—रामवीर तंवर, जिन्हें आज “पॉन्ड मैन ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है।
2015 से शुरू की तालाबों को पुनर्जीवित करने की मुहिम
ग्रेटर नोएडा के डाढा गांव में एक कृषक परिवार में जन्मे रामवीर तंवर ने 2015 में तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य शुरू किया। उन्होंने देखा कि उनके बचपन के तालाब, जिनके पास वह मवेशियों को चराने ले जाते थे, अब सूख चुके हैं या कचरे का ढेर बन चुके हैं। इस स्थिति ने उन्हें झकझोर कर रख दिया।
अब तक देश के 80 से अधिक सूखे तालाबों में बहाल किया जीवन
इस काम के चलते रामवीर तंवर ने ‘से अर्थ’ (Say Earth) नाम से एक संस्था की स्थापना की। उन्होंने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक जैसे सात राज्यों में 80 से अधिक मृतप्राय तालाबों को पुनर्जीवित किया है। जिन तालाबों में केवल गंदगी और जलकुंभी दिखती थी, वहां अब फिर से पानी और जीवन लौट आया है। वे जलकुंभी और अन्य समस्याओं से निपटने में विशेषज्ञता रखते हैं।
पीएम मोदी और सीएम योगी भी कर चुके हैं प्रशंसा
रामवीर तंवर के सराहनीय कार्यों को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उजागर किया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें सम्मानित किया है।
नौकरी छोड़ी, चुना जल संरक्षण का रास्ता
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद रामवीर ने एक मल्टीनेशनल कंपनी में दो साल तक नौकरी की। लेकिन पर्यावरण के लिए उनका जुनून इतना गहरा था कि उन्होंने 2018 में नौकरी छोड़ दी और पूर्णकालिक जल योद्धा बन गए। शुरुआत में परिवार का विरोध भी सहना पड़ा, लेकिन वे अपने मिशन से पीछे नहीं हटे।
जल संरक्षण के साथ-साथ बना रहे हैं शहरी वन मॉडल
रामवीर तंवर सिर्फ तालाबों तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने शहरी वनों का भी एक सफल मॉडल विकसित किया है, जिससे शहरों में हरियाली और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिल रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मिली पहचान
रामवीर तंवर को ताइवान के ‘शाइनिंग वर्ल्ड प्रोटेक्शन अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया , जिसमें 10,000 अमेरिकी डॉलर का अनुदान भी प्रदान किया गया। जो उनके कार्य की वैश्विक सराहना को दर्शाता है।
रामवीर तंवर – भारत के जल संकट में आशा की किरण
“पॉन्ड मैन ऑफ इंडिया” के रूप में मशहूर रामवीर तंवर आज जल संरक्षण के क्षेत्र में एक प्रेरणा हैं। उनका कार्य यह दिखाता है कि एक व्यक्ति की पहल कैसे पूरे समाज को जागरूक और संगठित कर सकती है। अगर भारत को भविष्य में जल संकट से उबारना है, तो हमें और भी रामवीर तंवर जैसे जल योद्धाओं की जरूरत है।