Jitiya vrat 2023: जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों किया जाता है,  जानें महत्व

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जितिया को जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से जाना जाता है। व्रत नहाय खाय से शुरू होकर सप्तमी, आष्टमी और नवमी तक चलता है। 

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इस दौरान मां अपने पुत्र के लिए यह उपवास रखती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। यह एक निर्जला व्रत है और बहुत कठिन है। 

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इस बार जितिया व्रत 6 अक्तूबर 2023 को है। यह व्रत विशेष रूप से बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश में किया जाता है। इसकी शुरूआत महिलाएं पूजा कर करती हैं।

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हिंदू धर्म में जितिया व्रत का बहुत ही महत्व है। मान्यता है कि यह व्रत महाभारत काल से रखा जाता आ रहा है। अभिमन्यु की पत्नी ने ये व्रत किया था। 

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व्रत अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 अक्तूबर 2023 को सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी। अष्टमी तिथि का समापन 7 अक्तूबर 2023 को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। व्रत का पारण- सुबह 08.08 के बाद का है।

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जितिया पर्व तीन दिन तक चलता है। 5 अक्तूबर 2023 को नहाय खाय है। इसके बाद 6 अक्तूबर 2023 को जितिया व्रत है। व्रत का पारण 7 अक्तबर  2023 को है।

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जितिया पर्व तीन दिन तक चलता है। 5 अक्तूबर 2023 को नहाय खाय है। इसके बाद 6 अक्तूबर 2023 को जितिया व्रत है। व्रत का पारण 7 अक्तबर  2023 को है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Bytenews24.Com इसकी पुष्टि नहीं करता। 

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