Hartalika teej 2023: ऐसी मान्यता है कि हिंदू विवाहित महिलाओं द्वारा सोलह श्रृंगार करना देवी पार्वती से जुड़ा हुआ है। महिलाएं सोलह श्रृंगार करके देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। श्रृंगार मे बिंदी,सिन्दूर, मंगल सूत्र, मांगटीका, काजल,नथ या नथनी, हार, बिछिया, पायल, कमरबंध, चूड़ियां, मेहंदी, अंगूठी, बाजूबंद, कुंडल, गजरा शामिल हैं।
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हरतालिका तीज (Hartalika teej 2023):
हरतालिका व्रत, जिसे हरतालिका तीज या तीजा भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिन्दू व्रत है जिसमें सुहागिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। यह व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। पौराणिक कथाओं में ऐसी मान्यता है कि हरतालिका दो शब्दों से बना है, हर और तालिका। हर का अर्थ है भगवान शिव और तालिका अर्थात सखी है। इसे हरतालिका तीज इसलिए कहा जाता है, क्योंकि पार्वती की सखी ने उन्हें जंगल जाकर भगवान शिव की आराधना करने की सलाह दी थी।
पूजा विधि और महत्व (Hartalika teej Vrat 2023 )
हरतालिका तीज (Hartalika teej 2023 )के दिन, सुहागिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की मिट्टी से बनी अस्थाई मूर्तियों का पूजन करती हैं। इस पर्व के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के परम मिलन के दिन के रूप में माना जाता है और महिलाएं इसे विशेष भक्ति और समर्पण के साथ मनाती हैं। पूजा में माता पार्वती को सुहाग की पिटारी, जिसमें चूड़ी, सिंदूर, साड़ी आदि सुहाग की सभी वस्तुएं अर्पित की जाती है। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर पति की दिर्घायु की कामना करती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियां मनचाहे और योग्य पति को प्राप्त करने के लिए इस व्रत को रखती हैं।
शुभ मुहूर्त (Hartalika teej 2023 date in hindi)
इस वर्ष, हरतालिका तीज (kab hai teej) का व्रत 17 सितंबर 2023 को 11 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर 18 सितंबर दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। उपयुक्त मुहूर्त में पूजा का आयोजन करना शुभ माना जाता है और शाम में प्रदोष काल के समय में इसे करना बहुत शुभ माना जाता है। उदया तिथि की मान्यता के मुताबिक, इस व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा जबकि सुबह की पूजा सुबह 6 बजे से रात को 8 बजकर 24 मिनट पर होगी।
विवाहित जीवन में सुख और समृद्धि
ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज व्रत का पालन करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है और यह व्रत हिन्दू संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस हरतालिका तीज, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के रूप में अपने आत्मा को शुद्ध करने का अद्भुत अवसर है, जिसमें सुख, समृद्धि, और प्रेम की कामना की जाती है। इस हरतालिका तीज पर आप भी भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करके अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और खुशियां प्राप्त करें।
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